परिचर्चा
Friday, 5 December 2014
गुनाहों से बचें और नेकी करते रहे- यह सभी धर्म कहते है. मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना. यदि आप सच में ऐसा करते हैं तो आप फरिस्ता हैं. आप उन सारे धार्मिक कठमुल्लाओं से ऊपर हैं. आमीन.
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