Wednesday, 25 March 2015
बच्चे मगन रहते हैं, अपनी दुनिया में। अपनी एक अलग ही सुंदर दुनिया की रचना कर लेते हैं। वे जब खेलते हैं, उन्हें अपनी भूख-प्यास की कतई चिंता नहीं रहती। लगभग अपनी भूख-प्यास को भुलाकर । वे अपनी आड़ी-तिरछी लाइनों को बनाएँगे तो इतना मगन होकर कि वह उनके आनंद में बदल जाती है। उनमें कोई आकांक्षा नहीं, महत्वाकांक्षा नहीं, बल्कि बनाने का आनंद है। क्या हम मगन रहते हुए यह आनंद हासिल कर पा रहे हैं?
प्रेम में सबसे महत्वपूर्ण चीज है-..प्रेम पत्र और प्रेम-पत्र लिखना कोई आसान काम नहीं है। स्कूल के दिनों से ही इस विधा में पारंगत हूं। एक-आध बार मुझे अन्य मित्रों के प्रेम-पत्र ड्राफ्ट करने के कारण स्कूल से निकाला भी गया था। मगर बन्दे ने प्रेक्टिस नहीं छोड़ी और आज छोटा-मोटा लेखक इसी बलबूते पर बन गया हूं। प्रेम-पत्रों की भाषा, उसे पोस्ट करना और जवाब पाना ये सब बड़े ही तकनीकी कार्य हैं। तमाम वैज्ञानिक प्रगति के बावजूद अभी भी इनमें बहुत रिस्क है। जिन-जिन को मैंने प्रेम-पत्र लिखे वे सभी अब मस्त हैं और मैं अभी भी कलम घसीट रहा हूं। अपनी-अपनी किस्मत।
Monday, 23 March 2015
कुछ रिश्ते अंजाने में ही हो जाते हैं
पहले दिल फिर जिन्दगी से जुड़ जाते है ।
कहते है उसे , उस दौर का प्यार...
जो अपनी जान से भी प्यारे हो जाते है ।
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=727147034071337&set=a.370705486382162.1073741828.100003281417933&type=1&theater
पहले दिल फिर जिन्दगी से जुड़ जाते है ।
कहते है उसे , उस दौर का प्यार...
जो अपनी जान से भी प्यारे हो जाते है ।
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=727147034071337&set=a.370705486382162.1073741828.100003281417933&type=1&theater
जैसे रात आती है सितारे लेकर;
और नींद आती है सपने लेकर,
वैसे ही करते हैं दुआ हम -
कि आपकी हर सुबह आये
बहुत सारी खुशियाँ लेकर।...
सुप्रभात.... !
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=727615987357775&set=a.370705486382162.1073741828.100003281417933&type=1&theater
और नींद आती है सपने लेकर,
वैसे ही करते हैं दुआ हम -
कि आपकी हर सुबह आये
बहुत सारी खुशियाँ लेकर।...
सुप्रभात.... !
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=727615987357775&set=a.370705486382162.1073741828.100003281417933&type=1&theater
ये जो पब्लिक है……सब जानती है...। यहाँ पर आप जो भी विचार प्रकट करना चाहते हैं, अपने दोस्तों से शेयर करना चाहते हैं, करें। यह एक खुला मंच है। आपके विचार हमारे समाज के लिए उदाहरणीय, ऊर्जावान और हितकर हो तो बेहतर है। सधन्यवाद। https://www.facebook.com/groups/yejopublichai
लडका अपनी गर्लफ्रेंड की याद में उदास बैठे पानी मे पत्थर मार रहा था.....एक मेढक निकल कर बोला पानी मे आ तेरी उदासी उतारू साले अपनी वाली के चक्कर मे मेरी वाली का सिर फोड दिया । https://www.facebook.com/groups/yejopublichai/permalink/545913272218655/?pnref=story
भीड़ किसी का नहीं होता। हम लोग हर हाल में कोई अपना चाहते हैं जो मान रखे, ख्याल रखे, प्यार करे। आदमी को अगर पेट भरा हो तो फिर प्यार करनेवाले को खोजता रहता है। यह प्रयास अनवरत चलता रहता है- एक सच्चे मित्र की तलाश। कुछ हद तक फेसबुक यह कमी पूरा कर रहा है। आभासी ही सही दो पल का सुख -दुःख तो शेयर कर ही रहे हैं हम मित्र समझकर।
चरण छूकर प्रणाम करने के ये हैं 11 फायदे...
अपने से बड़ों का अभिवादन करने के लिए चरण छूने की परंपरा सदियों से रही है. सनातन धर्म में अपने से बड़े के आदर के लिए चरण स्पर्श उत्तम माना गया है. प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर चरण स्पर्श के कई फायदे हैं...
1. चरण छूने का मतलब है पूरी श्रद्धा के साथ किसी के आगे नतमस्तक होना. इससे विनम्रता आती है और मन को शांति मिलती है. साथ ही चरण छूने वाला दूसरों को भी अपने आचरण से प्रभावित करने में कामयाब होता है.
2. जब हम किसी आदरणीय व्यक्ति के चरण छ...ूते हैं, तो आशीर्वाद के तौर पर उनका हाथ हमारे सिर के उपरी भाग को और हमारा हाथ उनके चरण को स्पर्श करता है. ऐसी मान्यता है कि इससे उस पूजनीय व्यक्ति की पॉजिटिव एनर्जी आशीर्वाद के रूप में हमारे शरीर में प्रवेश करती है. इससे हमारा आध्यात्मिक तथा मानसिक विकास होता है.
3. शास्त्रों में कहा गया है कि हर रोज बड़ों के अभिवादन से आयु, विद्या, यश और बल में बढ़ोतरी होती है.
4. इसका वैज्ञानिक पक्ष इस तरह है: न्यूटन के नियम के अनुसार, दुनिया में सभी चीजें गुरुत्वाकर्षण के नियम से बंधी हैं. साथ ही गुरुत्व भार सदैव आकर्षित करने वाले की तरफ जाता है. हमारे शरीर पर भी यही नियम लागू होता है. सिर को उत्तरी ध्रुव और पैरों को दक्षिणी ध्रुव माना गया है. इसका मतलब यह हुआ कि गुरुत्व ऊर्जा या चुंबकीय ऊर्जा हमेशा उत्तरी ध्रुव से प्रवेश कर दक्षिणी ध्रुव की ओर प्रवाहित होकर अपना चक्र पूरा करती है. यानी शरीर में उत्तरी ध्रुव (सिर) से सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर दक्षिणी ध्रुव (पैरों) की ओर प्रवाहित होती है. दक्षिणी ध्रुव पर यह ऊर्जा असीमित मात्रा में स्थिर हो जाती है. पैरों की ओर ऊर्जा का केंद्र बन जाता है. पैरों से हाथों द्वारा इस ऊर्जा के ग्रहण करने को ही हम 'चरण स्पर्श' कहते हैं.
5. चरण स्पर्श और चरण वंदना भारतीय संस्कृति में सभ्यता और सदाचार का प्रतीक है.
6. माना जाता है कि पैर के अंगूठे से भी शक्ति का संचार होता है. मनुष्य के पांव के अंगूठे में भी ऊर्जा प्रसारित करने की शक्ति होती है.
7. मान्यता है कि बड़े-बुजुर्गों के चरण स्पर्श नियमित तौर पर करने से कई प्रतिकूल ग्रह भी अनुकूल हो जाते हैं.
8. इसका मनोवैज्ञानिक पक्ष यह है कि जिन लक्ष्यों की प्राप्ति को मन में रखकर बड़ों को प्रणाम किया जाता है, उस लक्ष्य को पाने का बल मिलता है.
9. यह एक प्रकार का सूक्ष्म व्यायाम भी है. पैर छूने से शारीरिक कसरत होती है. झुककर पैर छूने, घुटने के बल बैठकर प्रणाम करने या साष्टांग दंडवत से शरीर लचीला बनता है.
10. आगे की ओर झुकने से सिर में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद है.
11. प्रणाम करने का एक फायदा यह है कि इससे हमारा अहंकार कम होता है. इन्हीं कारणों से बड़ों को प्रणाम करने की परंपरा को नियम और संस्कार का रूप दे दिया गया है.
ध्यान रखने वाली बात यह है कि केवल उन्हीं के चरण स्पर्श करना चाहिए, जिनके आचरण ठीक हों. 'चरण' और 'आचरण' के बीच भी सीधा संबंध http://aajtak.intoday.in/…/samsung-to-launch-two-new-smartp….
अपने से बड़ों का अभिवादन करने के लिए चरण छूने की परंपरा सदियों से रही है. सनातन धर्म में अपने से बड़े के आदर के लिए चरण स्पर्श उत्तम माना गया है. प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर चरण स्पर्श के कई फायदे हैं...
1. चरण छूने का मतलब है पूरी श्रद्धा के साथ किसी के आगे नतमस्तक होना. इससे विनम्रता आती है और मन को शांति मिलती है. साथ ही चरण छूने वाला दूसरों को भी अपने आचरण से प्रभावित करने में कामयाब होता है.
2. जब हम किसी आदरणीय व्यक्ति के चरण छ...ूते हैं, तो आशीर्वाद के तौर पर उनका हाथ हमारे सिर के उपरी भाग को और हमारा हाथ उनके चरण को स्पर्श करता है. ऐसी मान्यता है कि इससे उस पूजनीय व्यक्ति की पॉजिटिव एनर्जी आशीर्वाद के रूप में हमारे शरीर में प्रवेश करती है. इससे हमारा आध्यात्मिक तथा मानसिक विकास होता है.
3. शास्त्रों में कहा गया है कि हर रोज बड़ों के अभिवादन से आयु, विद्या, यश और बल में बढ़ोतरी होती है.
4. इसका वैज्ञानिक पक्ष इस तरह है: न्यूटन के नियम के अनुसार, दुनिया में सभी चीजें गुरुत्वाकर्षण के नियम से बंधी हैं. साथ ही गुरुत्व भार सदैव आकर्षित करने वाले की तरफ जाता है. हमारे शरीर पर भी यही नियम लागू होता है. सिर को उत्तरी ध्रुव और पैरों को दक्षिणी ध्रुव माना गया है. इसका मतलब यह हुआ कि गुरुत्व ऊर्जा या चुंबकीय ऊर्जा हमेशा उत्तरी ध्रुव से प्रवेश कर दक्षिणी ध्रुव की ओर प्रवाहित होकर अपना चक्र पूरा करती है. यानी शरीर में उत्तरी ध्रुव (सिर) से सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर दक्षिणी ध्रुव (पैरों) की ओर प्रवाहित होती है. दक्षिणी ध्रुव पर यह ऊर्जा असीमित मात्रा में स्थिर हो जाती है. पैरों की ओर ऊर्जा का केंद्र बन जाता है. पैरों से हाथों द्वारा इस ऊर्जा के ग्रहण करने को ही हम 'चरण स्पर्श' कहते हैं.
5. चरण स्पर्श और चरण वंदना भारतीय संस्कृति में सभ्यता और सदाचार का प्रतीक है.
6. माना जाता है कि पैर के अंगूठे से भी शक्ति का संचार होता है. मनुष्य के पांव के अंगूठे में भी ऊर्जा प्रसारित करने की शक्ति होती है.
7. मान्यता है कि बड़े-बुजुर्गों के चरण स्पर्श नियमित तौर पर करने से कई प्रतिकूल ग्रह भी अनुकूल हो जाते हैं.
8. इसका मनोवैज्ञानिक पक्ष यह है कि जिन लक्ष्यों की प्राप्ति को मन में रखकर बड़ों को प्रणाम किया जाता है, उस लक्ष्य को पाने का बल मिलता है.
9. यह एक प्रकार का सूक्ष्म व्यायाम भी है. पैर छूने से शारीरिक कसरत होती है. झुककर पैर छूने, घुटने के बल बैठकर प्रणाम करने या साष्टांग दंडवत से शरीर लचीला बनता है.
10. आगे की ओर झुकने से सिर में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद है.
11. प्रणाम करने का एक फायदा यह है कि इससे हमारा अहंकार कम होता है. इन्हीं कारणों से बड़ों को प्रणाम करने की परंपरा को नियम और संस्कार का रूप दे दिया गया है.
ध्यान रखने वाली बात यह है कि केवल उन्हीं के चरण स्पर्श करना चाहिए, जिनके आचरण ठीक हों. 'चरण' और 'आचरण' के बीच भी सीधा संबंध http://aajtak.intoday.in/…/samsung-to-launch-two-new-smartp….
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