प्रेम में सबसे महत्वपूर्ण चीज है-..प्रेम पत्र और प्रेम-पत्र लिखना कोई आसान काम नहीं है। स्कूल के दिनों से ही इस विधा में पारंगत हूं। एक-आध बार मुझे अन्य मित्रों के प्रेम-पत्र ड्राफ्ट करने के कारण स्कूल से निकाला भी गया था। मगर बन्दे ने प्रेक्टिस नहीं छोड़ी और आज छोटा-मोटा लेखक इसी बलबूते पर बन गया हूं। प्रेम-पत्रों की भाषा, उसे पोस्ट करना और जवाब पाना ये सब बड़े ही तकनीकी कार्य हैं। तमाम वैज्ञानिक प्रगति के बावजूद अभी भी इनमें बहुत रिस्क है। जिन-जिन को मैंने प्रेम-पत्र लिखे वे सभी अब मस्त हैं और मैं अभी भी कलम घसीट रहा हूं। अपनी-अपनी किस्मत।
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