योग के शब्द भले ही हिन्दू के लगते हों किन्तु लाभ तो सबको बराबर ही मिलेगा। धर्म के लिए ना सही सेहत के लिए तो अपना ही सकते हैं। इतना तो United Nations को भी समझाना नहीं पड़ा था। ये तो संकीर्ण राजनीति की पराकाष्ठा है। विचार की स्वतंत्रता का ये मतलब नहीं कि थोड़े से फायदे के लिये कायदा को बिगाड़ दिया जाय। योग को धर्म से जोड़कर फायदा किसको हो रहा है ? यह तो नुकसान वाली बात है।
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