कुछ लोग सुदूर देश से आकर हमारे धर्म और संस्कृति को अपनाते हैं और यहीं के होकर रह जाते हैं। एक हम हैं जो अपने ही धर्म और संस्कृति में मीन- मेख निकालते हैं। हमें अपने देश से प्रेम होनी होनी चाहिए और अपने संस्कृति पर गर्व महसूस होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं है तो हम सामाजिक नहीं हैं। एक बार प्रेम से बोलिए जय हो भारत माता की..!!!
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